मैं क्या बातलाऊं माँ ऐसा क्या है जो तुझे सिखाऊं माँ मैं क्या बातलाऊं माँ ऐसा क्या है जो तुझे सिखाऊं माँ
तो कह दो अपने मन से "मेरी मस्ती ही मेरी अमिरी है'' तो कह दो अपने मन से "मेरी मस्ती ही मेरी अमिरी है''
इस जहाँ में बस, तू वफ़ा की मूरत है ! ख़ुश'नसीब हैं वो जो तेरा प्यार पाते हैं ! इस जहाँ में बस, तू वफ़ा की मूरत है ! ख़ुश'नसीब हैं वो जो तेरा प्यार पाते हैं !
कलम चलती रही निरंतर बिना रुके कलम चलती रही निरंतर बिना रुके
हद से गुज़र केदेखो कभीमोहब्बत कर के देखो कभी हद से गुज़र केदेखो कभीमोहब्बत कर के देखो कभी
तेरी कलम की स्याही बन। तेरे खयालों को उकेरती हूं । तेरी कलम की स्याही बन। तेरे खयालों को उकेरती हूं ।